कोशिश है |
कोशिश तो की है,
नाकाम ही सही,
बढ़ना है आगे,
छूनी है ऊंचाइयां,
चाहे "पर" मिले ना आज,
मिले खुला आसमां,
कोशिश है आज भी,
चाहे लाख कांटे हो,
कोई रास्ता ना मिले,
पानी को मंजिल,
कोशिश है फिर भी,
मंजिल को पाने को,
ना कभी मैं थकती,
ना कभी टूटती,
वक्त हो बुरा,
तो बुरा ही सही,
पानी है मंजिल,
अपने ही दम पर,
कोशिश है अब भी
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Shared by Raj Singh Bhati